14.1 C
Delhi
Monday, December 23, 2024

क्या अर्नब गोस्वामी को आज मिलेगी राहत? हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जारी है सुनवाई

आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने मामले में गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्बन गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी बुधवार को सुनवाई है। सुप्रीम कोर्ट के जज धनन्जय वाई चंद्रचूड़ और जज इन्दिरा बनर्जी की पीठ अर्नब गोस्वामी की अंतरिम जमानत की अपील पर सुनवाई करेगी। दरअसल, रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक को अंतरिम जमानत देने से इनकार करने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अर्नब की अपील दायर होने के कुछ घंटों के भीतर ही शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री ने इसे आज के लिए यानी 11 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। अधिवक्ता निर्निमेष दुबे के माध्यम से दायर इस अपील पर सुप्रीम कोर्ट सुबह साढ़े दस बजे से सुनवाई कर रहा है।

Supreme Court hearing in Arnab Goswami arrest  case live:

– अर्नब गोस्वामी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलील रख रहे हैं और उन्होंने अर्नब के खिलाफ दर्ज एफआईआर का विरोध किया है और इसे गलत बताया है।

-सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।

-सुप्रीम कोर्ट में अर्नब की याचिका पर सुनवाई शुरू

बंबई उच्च न्यायालय ने नौ नवंबर को अर्नब गोस्वामी और दो अन्य को अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उन्हें राहत के लिए निचली अदालत जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर आरोपी अपनी ‘गैरकानूनी गिरफ्तारी’ को चुनौती देते हैं और जमानत की अर्जी दायर करते हैं तो संबंधित निचली अदालत चार दिन के भीतर उस पर निर्णय करेगी। अर्णब ने शीर्ष अदालत में दायर अपील में महाराष्ट्र सरकार के साथ ही अलीबाग थाने के प्रभारी, मुंबई के पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह को भी पक्षकार बनाया है।

इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने भी अपने अधिवक्ता सचिन पाटिल के माध्यम से न्यायालय में कैविएट दाखिल की है ताकि उनका पक्ष सुने बगैर गोस्वामी की याचिका पर कोई आदेश नहीं दिया जाये। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग थाने की पुलिस ने चार नवंबर को, इंटीरियर डिजायनर की कंपनी की बकाया राशि का कथित रूप से भुगतान नहीं करने के कारण अन्वय नाइक और उनकी मां को कथित रूप से आत्महत्या के लिये बाध्य करने के मामले में, अर्नब को गिरफ्तार किया था।  

उच्च न्यायालय का अंतरिम राहत के मामले में फैसला आने से पहले ही अर्नब ने अपनी नियमित जमानत के लिए अलीबाग की सत्र अदालत में आवेदन दायर कर दिया था। उच्च न्यायालय ने गोस्वामी और दो अन्य आरोपियों फिरोज शेख और नितीश सारदा की अंतरिम जमानत के आवेदन अस्वीकार करते हुये कहा था कि यह असाधारण अधिकार क्षेत्र के इस्तेमाल का कोई मामला नहीं बनता है। यह प्राथमिकी निरस्त करने के लिये दायर याचिका पर उच्च न्यायालय 10 दिसंबर को सुनवाई करेगा।

अर्नब गोस्वामी सहित तीनों आरोपियों को चार नवंबर को देर रात एक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था जिन्होंने उन्हें पुलिस हिरासत में देने से इंकार करते हुये 18 नवंबर तक के लिये न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अर्बन गोस्वामी को शुरू में अलीबाग जेल के लिए बनाये गये कोविड-19 सेंटर में रखा गया था लेकिन कथित रूप से मोबाइल इस्तेमाल करते पाये जाने के कारण उन्हें रायगढ़ की तलोजा जेल शिफ्ट कर दिया गया।

इस बीच, रिपब्लिक टीवी के कंसल्टिंग संपादक प्रदीप भंडारी ने रविवार को प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे को एक पत्र लिखकर गोस्वामी को तलोजा जेल स्थानांतरित किये जाने और खतरनाक अपराधियों के बीच रखे जाने का संज्ञान लेने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि अर्नब गोस्वामी की जान को खतरा है और उन्हें रविवार की सुबह पीटा गया है।

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »