जब कोरोना की वजह से लॉकडाउन हुआ तब जिस तरह से बाज़ारों में सन्नाटा पसरा, उससे लग रहा था कि आने वाले कई महीनों में व्यापार जगत ठप रहेगा। लेकिन सरकार के प्रयासों और समय पर लिए गए निर्णयों का परिणाम है कि आज धनतेरस के दिन बाज़ारों में रौनक दिख रही है।
कहते हैं धन की लक्ष्मी मेहरबान हों इसलिए हर कोई पांच दिवसीय दीपावली पर्व पर कुछ खास करना चाहता है। अपने-अपने तरीके से घरों में लक्ष्मी और गणेश की प्रतिष्ठा चाहते हैं। यूं तो हर दीपावली में लोग दिल खोलकर खर्च करते रहे हैं लेकिन इस साल कोरोना के चलते लोगों के हाथ तंग हैं। बैंकिंग सेक्टर और सरकारें भी इसे समझती हैं। इसलिए उन्होंने न केवल बिहार, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में वाहनों की खरीद पर ब्याज दरें घटाई हैं बल्कि केंद्र सरकार की ओर से क्रेडिट कार्ड की अवधि भी बढ़ाई गई है ताकि हाथ तंग होने की वजह से लोग अपनी इच्छाओं का गला न घोंटें।
पटरी पर लौटता कारोबार
इसमें संदेह नहीं कि भारत कोरोना को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना चुका है। लॉकडाउन के दौरान वह काम-धंधे से कट जरूर गया था लेकिन हाल के दिनों में देश में कारोबार पटरी पर आने लगा है। धनतेरस पर खरीदारी उसकी बानगी है। धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय दीपावली के पर्व की शुरुआत हो चुकी है। कारोबारियों को इस धनतेरस और दीपावली से काफी अपेक्षाएं हैं। न केवल बाजारों में चहल-पहल बढ़ी है बल्कि कई महीनों से कारोबारी सुस्ती झेल रहे दुकानदारों के चेहरे भी खिले हैं।
सर्राफा बाजार में रौनक
धन-वैभव और सुख समृद्धि के पर्व धनतेरस को इसलिए मनाया जाता है कि इसी दिन धन्वंतरि का प्राकट्य हुआ था। वे स्वर्णिम अमृत कलश लेकर समुद्र से निकले थे। इसीलिए देशभर में आज के दिन सोना-चांदी और बर्तन खरीदने की परंपरा है। देश और प्रदेशों की राजधानियों समेत सभी प्रमुख और छोटे-बड़े शहरों में बर्तन ओर सोने-चांदी की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ इस दावे को झुठला रही है कि कोरोना काल और लॉकडाउन में भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है।
देवी-देवताओं की मूर्तियां एवं चित्रों के साथ-साथ घर-आंगन को सजाने के लिए रंग-बिरंगे बल्बों की लड़ियां, लाइटिग स्टैंड, झालर, लटकन तथा मिट्टी के डेकोरेटिव दीपों की जमकर खरीदारी हो रही है। दीपावली और धनतेरस को लेकर पटाखों, मिठाई, बर्तन और सर्राफा बाजार में रौनक दिख रही है।
आसान बनायी वाहनों की खरीदारी
गणेश-लक्ष्मी और कुबेर की मूर्तियां खरीदने लोग बाजारों में पहुंचने लगे हैं। घरेलू उपयोग की वस्तुओं ख़ासकर टेलीविजन, फ्रिज, वाशिंग मशीन समेत अन्य सामानों की खरीद का सिलसिला बना हुआ है। ऑटो कंपनियों की ओर से गाड़ियों की खरीद पर चांदी के सिक्के एवं एलईडी का उपहार देकर ग्राहकों को लुभाने की बेहतरीन योजनाएं हैं। सबसे ज्यादा लोग सोने की गिन्नी और चांदी के सिक्के खरीद रहे हैं। धनतेरस के मौके पर वाहनों की खरीदारी को आसान बनाने के लिए कई पब्लिक सेक्टर बैंकों ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं।
केंद्र और राज्य सरकारों ने दिए तोहफे
केंद्र और राज्य सरकारें लोगों और उद्योगों को धनतेरस का तोहफा देने में पीछे नहीं है। कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अगर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत-3 पैकेज की घोषणा की है, कोरोना काल में जिन लोगों की नौकरियां चली गई हैं, उनके लिए धनतेरस के दिन आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का एलान सरकार की संवेदनशीलता और आम जन की जरूरतों को समझने का प्रयास है।
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने भी आत्मनिर्भर भारत पैकेज लागू करने का रोडमैप जारी किया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी केंद्र की आत्मनिर्भर भारत योजना को मूर्त रूप दे रही है। भाजपा शासित राज्यों में इस अभियान पर गंभीरता से काम चल रहा है। जाहिर है कि यह आम जनमानस, व्यापारियों और कर्मचारियों के लिए किसी दीपावली उपहार से कम नहीं है।
नए पैकेज में 12 नई योजनाएं
बकौल केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतरमन, इस नए पैकेज में 12 योजनाओं की घोषणाएं की गई हैं। इससे अर्थव्यवस्था में व्यापक सुधार होगा, इसकी अपेक्षा की जा सकती है। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना से नए रोजगारों के सृजन की बात की जा रही है। आत्मनिर्भर भारत के तहत ईसीएलजी स्कीम के तहत 61 लाख लोगों ने लाभ उठाया है और अब इस स्कीम की अवधि 31 मार्च 2021 तक बढ़ायी जा रही है। इसमें 1.52 लाख करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं और 2.05 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी दी गई है।