भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिकी विदेश विभाग ने कृषि सुधारों की दिशा में भारत के उपायों को स्वीकार किया है। अमरीकी विदेश विभाग के बयान पर संवाददाताओं के सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसी टिप्पणियों को इस संदर्भ में देखना महत्वपूर्ण है, जिसमें वे की गई हैं और उन्हें समग्र रूप में ही लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी विरोध को भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने और राजनीतिक व्यवस्था तथा गतिरोध दूर करने के लिए सरकार और संबंधित किसान समूहों के प्रयासों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। वहीं किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए उपद्रव को लेकर क्राइम ब्रांच की टीम ने 24 से ज्यादा आरोपितों की तस्वीरें जारी की हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि भारत और अमरीका गतिशील लोकतंत्र हैं और दोनों के साझा मूल्य हैं। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को ऐतिहासिक लालकिले पर हिंसा और तोड़-फोड़ की घटनाओं पर भारत में उसी तरह की भावनाएं और प्रतिक्रियाएं हुई जैसी कि छह जनवरी को अमेरिका में कैपिटल हिल की घटनाओं पर हुई थी और उन्हें स्थानीय कानूनों के अनुसार निपटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ भागों मेंइंटरनेट सुविधा के संबंध में अस्थायी उपाय हिंसा की किसी भी भावी घटना से बचने केलिए किये गये थे।
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा के बाद सरकार द्वारा अपनाए गए कुछ कड़े उपायों का जिक्र करते हुए बैरिकेडिंग को मजबूत करने और इंटरनेट सेवाओं को अस्थाई रूप से बंद करने की कार्रवाई को एमईए प्रवक्ता ने सही ठहराते हुए कहा, “हिंसा और 26 जनवरी को ऐतिहासिक लाल किले में हुई बर्बरता ने भारत में समान भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया, जैसा कि 6 जनवरी को कैपिटल हिल की घटना थी और उनसे स्थानीय कानूनों के अनुसार निपटा गया था।”
उधर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए उपद्रव को लेकर क्राइम ब्रांच की टीम ने 24 से ज्यादा आरोपितों की तस्वीरें जारी की हैं। यह तस्वीरें पुलिस को विभिन्न लोगों और मीडिया के माध्यम से मिली हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह इनकी पहचान करने में उनकी मदद करें। क्राइम ब्रांच ने इससे पहले 12 से ज्यादा आरोपितों की तस्वीरें जारी की थीं। इस आधार पर दो आरोपितों को लाल किला उपद्रव मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं टूल-किट मामले में गूगल को नोटिस जारी कर अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा गया है।
गणतंत्र दिवस पर हुए उपद्रव को लेकर दिल्ली में अब तक 45 केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 14 मामलों की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है जबकि अन्य मामलों की जांच में स्थानीय पुलिस जुटी है। क्राइम ब्रांच की जांच में लाल किला, मुकरबा चौक, गाजीपुर, आईटीओ, नांगलोई आदि जगहों पर हुए उपद्रव के मामले शामिल हैं। इन मामलों की जांच के दौरान दिल्ली पुलिस को जिन संदिग्ध आरोपितों की तस्वीरें मिली हैं, उन्हें नोटिस जारी किया गया है। पुलिस का कहना है कि इन आरोपितों के हिंसा में शामिल होने के पुख्ता साक्ष्य हैं। इसलिए इनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
वहीं टूल-किट मामले में साइबर सेल द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद दिल्ली पुलिस ने गूगल को नोटिस भेजा है। इसमें गूगल से पूछा गया है कि यह दस्तावेज किस जगह से अपलोड किए गए हैं और कौन लोग इसके पीछे शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि गूगल से जवाब मिलने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह डॉक्यूमेंट कहां से अपलोड हुए थे और किस तरीके से सर्कुलेट हुए। इसके बाद पुलिस आरोपितों तक पहुंचने में कामयाब होगी।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो उपद्रव के मामले में किसान नेताओं को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। गणतंत्र दिवस पर आए 200 ट्रैक्टर के मालिकों को क्राइम ब्रांच नोटिस जारी कर चुकी है। इसके अलावा 60 संदिग्धों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किए जा चुके हैं। एक हजार से ज्यादा फुटेज अभी तक पुलिस खंगाल चुकी है। हिंसा मामलों में अभी तक 130 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है।