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Saturday, June 28, 2025

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार दे रही बागबानी को बढ़ावा

पिछले कुछ साल से भारत बागवानी के क्षेत्र में काफी प्रगति कर रहा है, यही वजह है कि भारत में उत्पादित बागवानी फसलों की विदेशों में भी मांग बढ़ रही है। जिससे जहां एक ओर किसानों को फायदा हो रहा हैं वहीं भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। वही बात अगर दुग्‍ध उत्पादन की करें तो भारत इस क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर है।

बागवानी उत्पादों के निर्यात में प्रगति

इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत ने बागवानी के क्षेत्र और बागवानी उत्पादों के निर्यात में काफी प्रगति की है। भारत में उत्पादित बागवानी फसलों की विदेशों में मांग बढ़ रही है। भारतीय आम, अनार, अंगूर, केला, संतरा, लीची, अमरूद, पपीता, अनानास, चीकू, शरीफा आदि फल तथा सब्जियों में प्‍याज, टमाटर, आलू, हरी-मिर्च, भिंडी, बैंगन आदि का निर्यात यूरोपीयन देश, अमेरिका, यू.के., यू.ए.ई., ओमान, नीदरलैंड तथा सार्क देशों में किया जा रहा है।

खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर

तोमर ने गुरूवार को कन्फेडरेशन आफ हार्टिकल्चर एसोसिएशन आफ इंडिया द्वारा आयोजित वेबिनार में ये बात कही। संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित फल-सब्जियों के अंतरराष्ट्रीय वर्ष-2021 के उपलक्ष्य में,स्वास्थ्य व आजीविका के लिए फल-सब्जियों के उत्पादन और उपयोग में नए प्रतिमान विषय पर आयोजित वेबिनार में तोमर ने कहा कि आज हम खाद्यान्न के क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर है, बल्कि निर्यात भी करते है। इस उपलब्धि में अन्नदाताओं का कठिन परिश्रम, वैज्ञानिकों की मेहनत एवं देश की कृषि सम्‍मत नीतियों का बड़ा योगदान है। आज देश में खाद्यान्‍न का उत्‍पादन लगभग 295 मिलियन टन है।

दुग्‍ध उत्‍पादन में भारत का विश्‍व में प्रथम स्‍थान

देश ने दुग्‍ध उत्‍पादन में भी अभूतपूर्व प्रगति करते हुए विश्‍व में प्रथम स्‍थान हासिल करने में सफलता प्राप्‍त की है। मछली व पोल्ट्री उत्‍पाद में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। भारत ने बागवानी फसलों के उत्‍पादन में विश्‍व परिदृश्‍य में एक बड़े मुकाम को हासिल कर लिया है। बागवानी फसलों का कुल उत्‍पादन 320 मिलियन टन हो गया है। इस उपलब्धि में राष्ट्रीय बागवानी मिशन का भी योगदान है।

आम, केला, पपीता, अमरूद व भिंडी उत्पादन भारत पहले नंबर पर

उन्होंने कहा कि हमारा देश विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों की उपलब्धता वाला समृद्ध राष्ट्र है,जहां पौधों के आनुवंशिक संसाधनों की विशाल विविधता के रूप में राष्ट्रीय धरोहर मौजूद है। आम, केला, पपीता, अमरूद एवं भिंडी का उत्पादन विश्व में, भारत में अव्वल है तथा आलू, बैंगन, प्‍याज, फूल-गोभी व पत्‍ता-गोभी उत्‍पादन में देश दूसरे स्‍थान पर हैं। मुख्य रूप से गुणवत्‍ता युक्‍त उन्‍नत किस्‍मों के बीज एवं पौध सामग्री का प्रयोग, सघन बागवानी प्रणाली, बूंद-बूंद सिंचाई, समेकित पोषण प्रबंधन, समेकित कीट-व्याधि प्रबंधन, मूल्‍य संवर्धन, संरक्षित खेती आदि के कारण बागवानी फसलों के उत्‍पादन में बढ़ोत्‍तरी हुई है।

खान-पान में हर्बल एवं औषधीय फसलों का उपयोग बढ़ा

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि कोविड के दौरान कृषि क्षेत्र ने आपदा को अवसर में बदलते हुए खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। हमारी कार्यशैली में बदलाव आया है, लोगों को प्रकृति के ज्यादा करीब आने का अवसर मिला है व खान-पान में हर्बल एवं औषधीय फसलों का उपयोग बढ़ा है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए औषधीय फसल- हल्‍दी, तुलसी, अदरक, गिलोय, लौंग, कालीमिर्च, दालचीनी आदि का उपयोग एवं मांग बढ़ी है। हम अपनी खाद्य श्रृंखला में बायोफोर्टीफाइड फसलों को शामिल करने व आहार में विविधता लाने का भी प्रयास कर रहे है, जिससे पोषण के लिए अनाजों पर निर्भरता कम हों।

किसानों का आय दोगुनी करने के लिए सरकार की ओर से पहल

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। इसके लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई है…

पीएम, किसान सम्मान निधि योजना, पीएम सिंचाई योजना, पीएम फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, एफपीओ, जैविक कृषि विकास योजना, एक जिला- एक उत्पाद आदि प्रमुख हैं

किसानों के कौशल विकास के भारतीय कृषि कौशल विकास परिषद की स्‍थापना,किसानों को कृषि एवं बागवानी की नई तकनीकियों की ट्रेनिंग दी जा रही है।

देश में 722 कृषि विज्ञान केन्‍द्रों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 103 संस्‍थानों तथा 63 कृषि विश्‍वविद्यालयों द्वारा कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्‍स्‍य पालन आदि की नई तकनीकियों के बारे में किसानों को अपडेट किया जा रहा है।
फल-सब्जियों की खेती को बढ़ावा देने व फसल पश्चात नुकसान कम करने के लिए ‘‘ऑपरेशन ग्रीन्स” नामक योजना संचालितकी जा रही है।

टमाटर, प्याज व आलू को लेकर मूल्य श्रृंखला के एकीकृत विकास की इस स्कीम का विस्तार करके बाईस उपज को इसमें शामिल कर लिया गया है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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