आज 7:30 बजे बद्रीनाथ में शिलान्यास कार्यक्रम में लेना था दोनों मुख्यमंत्रियों को हिस्सा।
भारी बर्फबारी के कारण हेली सेवा ही नहीं भर पा रहे उड़ान।हेलीपैड से वापस सेफ हाउस में लौटे दोनों मुख्यमंत्री
केदारनाथ धाम में कपाट बंद होने से पहले जोरदार बर्फबारी हुई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केदारनाथ में ही फंसे हैं। दोनों मुख्यमंत्रियों को कपाट बंद होते ही 8:30 पर बद्रीनाथ के लिए उड़ना था लेकिन इस बर्फबारी में हेलीकॉप्टर का उड़ना संभव नहीं है।
उत्तराखंड के कई इलाकों में आज बर्फबारी हो रही है। गांगोत्री धाम में भी भारी बर्फ बारी हुई। यहां धाम के कपाट बंद होते ही अचानक मौसम बदला और बर्फबारी शुरू हो गई। केदारनाथ धाम के कपाट बर्फबारी के बीच शीतकाल के लिए सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं। बाबा केदार पंचमुखी भोगमूर्ति चल विग्रह डोली में विराजमान होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान की। ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में छह माह की पूजा-अर्चना के लिए विराजमान हो जाएंगे। वहीं, भैयादूज के पावन पर्व पर विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट आज सोमवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। शीतकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में होंगे।
इसके अलावा भैयादूज के पर्व पर सुबह यमुनोत्री धाम मंदिर प्रांगण में विधिवत पूजा अर्चना होगी तथा दोपहर 12:25 बजे अभिजीत मुहूर्त पर अनुराधा नक्षत्र में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पारंपरिक परंपरानुसार यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे।जिसके बाद मां यमुना की डोली यमुनोत्री से अपने शीतकालीन प्रवास खुशीमठ के लिए प्रस्थान करेगी और शाम को अपने शीतकालीन प्रवास खुशीमठ पहुंचेगी।यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल ने बताया है कि सोमवार को मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खुशीमठ से सोमेश्वर देवता की डोली मां यमुना को लेने सुबह आठ बजे यमुनोत्री धाम के लिए प्रस्थान करेगी तथा यमुनोत्री धाम में पूजा अर्चना की जाएगी। जिसके बाद हर साल की तरह भैया दूज के पावन पर्व पर छह माह के लिए यमुनोत्री धाम के कपाट विधिविधान तथा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ छह माह के लिए बंद कर दिए जाएंगे। छह माह तक मां यमुना की पूजा अर्चना उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ में होगी तथा यहीं पर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे। शीतकाल में यमुनोत्री धाम में भारी बर्फबारी के कारण आवागमन ठप रहता है तथा अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर ग्रीष्मकाल में छह माह के लिए फिर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे जबकि गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को बंद हो चुके हैं।