शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की सरकारों के प्रतिनिधियों की बैठक की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति एम वैंकैया नायडु करेंगे। भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इमरान खान इस वर्चुअल बैठक में शामिल नहीं होंगे।
शाषनाध्यक्षों की परिषद, एससीओ का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है। यह समूह के व्यापार, आर्थिक एजेंडा और वार्षिक बजट के प्रबंधन के लिए उत्तरदायी है। भारत इस 8 सदस्यीय संगठन में 2017 में शामिल हुआ था। उसके बाद से यह पहली बार है कि भारत इसकी मेजबानी कर रहा है।
बैठक में पाकिस्तान की भागीदारी सबसे निचले दर्जे पर है। पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व उसके विदेशी मुद्दों के लिए संसद सचिव अंदलीब अब्बास करेंगे। रूस, चीन, कजाकस्तान, किरगिजतान, ताजिकिस्तान, और उजबेकिस्तान का प्रतिनिधित्व इन देशों के प्रधानमंत्री करेंगे। इस महीने की शुरुआत में हुई एससीओ की वर्चुअल समिट में प्रधानमंत्री मोदी, इमरान खान और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल हुए थे। इसकी अध्यक्षता रूस ने की थी।
अपना नाम ना बताने की शर्त पर इस मीटिंग से जुड़े लोगों ने बताया कि शाषनाध्यक्षों की परिषद में भारत के विदेश मंत्री के स्तर पर भागीदारी होती है। पिछले साल उजबेकिस्तान में इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। चूंकि इस साल भारत इस बैठक का मेजबानी कर रहा है इसलिए उपराष्ट्रपति इसकी अध्यक्षता करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने जनवरी में कहा था कि एससीओ शाषनाध्यक्षों की परिषद हर साल प्रधानमंत्री स्तर पर होती है। भारत सभी 8 सदस्यों, 4 समीक्षक राज्यों और अन्य अंतर्रराष्ट्रीय डायलॉग सदस्यों को आमंत्रित करेगा। प्रधानमंत्री मोदी 30 नवंबर को अपने निर्वाचव क्षेत्र का दौरा करेंगे। यहां वह वाराणसी-प्रयागराज हाइवे प्रोजेक्ट और गंगा घाट पर होने वाले दीपोत्सव में भाग लेंगे।
हालांकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अन्य देशों द्वारा आयोजित की गई वर्चुअल बैठकों में हिस्सा लिया है लेकिन मार्च में हुई दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। इस बैठक का विषय कोरोना वायरस से निपटने के तरीकों से संबंधित था। गौरतलब है कि उस बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने कश्मीर का मुद्दा उठाकर माटिंग को मुद्दे से भटकाने का प्रयास किया था।