वॉशिंगटन:अमेरिका के परमाणु हथियारों के भंडार की देखरेख करने वाली राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन (एनएनएसए) और ऊर्जा विभाग (डीओई) के नेटवर्क पर बड़ा साइबर हमला हुआ है। दावा किया जा रहा है कि इस दौरान हैकर्स ने बड़ी मात्रा में गोपनीय फाइलें चोरी कर ली हैं। इस साइबर हमले से कम से कम आधा दर्जन संघीय एजेंसिया प्रभावित हुई हैं।
अमेरिकी कांग्रेस को भेजी गई हैकिंग की सूचना
अमेरिकी मीडिया पॉलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार, ऊर्जा विभाग के मुख्य सूचना अधिकारी रॉकी कैंपियोन ने इस घटना की पुष्टि की है। इसके बाद राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन और ऊर्जा विभाग की टीम ने हैकिंग से जुड़ी सभी जानकारियों को यूएस कांग्रेस समिति को भेज दी है। जल्द ही सरकार की तरफ से भी इस मामले में बयान जारी किया जा सकता है।
फेडरल एजेंसियों ने शुरू की जांच
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि ये हैकर्स अन्य एजेंसियों की तुलना में फेडरल एनर्जी रेगुलेटरी कमीशन को अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। अधिकारियों ने कहा है कि इस एजेंसी के नेटवर्क में उन्हें सबसे ज्यादा घुसपैठ के सबूत मिले हैं। इस मामले में साइबर सिक्योरिटी और इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी हैकिंग गतिविधियों से जुड़ी जांच में अमेरिकी फेडरल सर्विसेज को मदद कर रही है।
ट्रंप प्रशासन में कमजोर हो गई थी अमेरिका की साइबर सुरक्षा
अमेरिका की साइबर सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्य रूप से साइबर सिक्योरिटी और इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी (सीआईएसए) के पास होती है। लेकिन, ट्रंप प्रशासन में इस एजेंसी को काफी कमजोर कर दिया गया। इसके पूर्व निदेशक क्रिस्टोफर क्रेब्स सहित सीआईएसए के कई शीर्ष अधिकारियों को या तो ट्रंप प्रशासन ने बाहर कर दिया है या हाल के हफ्तों में इस्तीफा दे दिया है।
कितना डेटा चोरी, इसकी जानकारी नहीं
अमेरिकी अधिकारियों को अभी यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि हैकर्स ने कितनी जानकारी को चुराया है। फेडरल एजेंसियां अब यह पता लगा रही हैं कि हैकर्स ने कौन सी जानकारी तक अपनी पहुंच बनाई है और किसे चुराया है। अधिकारियों ने कहा है कि वह कुछ दिनों के भीतर यह अनुमान लगा लेंगे कि उनके नेटवर्क से कितनी मात्रा में सूचनाओं को चुराया गया है।