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Monday, December 23, 2024

अमेरिका की चीन पर सख्ती जारी रहेगी, बाइडेन की जीत से रिश्ते नहीं सुधरने वाले

बीजिंग | अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की हार और जो बाइडेन की जीत के बाद सभी देश इस बात पर मंथन में जुटे हैं कि आने वाले समय में अमेरिका के साथ उनका रिश्ता कैसा होगा। हालाकि अभी तक चीन ने अपनी अधिकृत प्रतिक्रिया नही दी है लेकिन उसने यह माना है कि शासन में डोनाल्ड ट्रंप रहें या जो बाइडेन, अमेरिका उसके खिलाफ सख्ती जारी रखेगा। चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लोगों को मन में यह भ्रम नहीं पालने को कहा है कि बाइडेन की जीत से अमेरिका के साथ रिश्ते सुधर जाएंगे या इसमें कोई बदलाव आएगा।

चीन के मुखपत्र ने कहा, ”चीन के साथ अमेरिका की प्रतिद्वंद्विता और चीन के खिलाफ इसकी घेराबंदी और तेजी होगी। लेकिन यह दोनों देशों के आम लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हित में है कि चीन-अमेरिका के रिश्तों में नरमी आए और यह नियंत्रण योग्य बने।” 

अखबार ने कहा है कि कुछ चाइनीज लोग बाइडेन को पुराने दोस्त के रूप में देख रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ उनसे अधिक उम्मीद नहीं रखने की सलाह दे रहे हैं। ग्लोबल टाइम्स ने एक अन्य लेख में कहा है कि कुछ समय के लिए चीन-अमेरिका रिश्तों में कुछ नरमी आ सकती है, लेकिन आने वाले समय में दोनों देशों के रिश्तों में बड़ी चुनौतियां आएंगी। ग्लोबल टाइम्स ने संपादकीय में कहा है कि यह मायने नहीं रखता है कि जीत किसकी होती है। चीन को लेकर दोनों पार्टियों (डेमोक्रेट और रिपब्लिकन) का रुख एक ही है। दोनों ही पार्टियां चीन को अपना रणनीतिक विरोधी मानती हैं और चीन को रोकना चाहती हैं। 

चीनी विशेषज्ञों ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन की जीत से चीन को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘शीत युद्ध की घोषणा से थोड़ी राहत महसूस हो सकती है लेकिन दोनों देशों के बीच उच्च स्तर की प्रतिद्वंद्विता जारी रहने की संभावना है। चीन-अमेरिका संबंधों के लिहाज से ट्रंप का चार साल का कार्यकाल सबसे खराब माना जाता है। चीनी अधिकारियों के अनुसार राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ने 1972 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की ऐतिहासिक बीजिंग यात्रा के बाद से अब तक के सबसे अप्रत्याशित नेता का सामना किया है।
     
ट्रंप ने अमेरिका-चीन संबंधों के सभी पहलुओं को लेकर बहुत आक्रामक रुख रखा है। इसमें व्यापार युद्ध, विवादित दक्षिण चीन सागर में चीनी सेना के प्रभुत्व को चुनौती देना और कोरोना वायरस को ‘चीनी वायरस की तरह प्रचारित करना शामिल है।’

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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