प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश में कोविड-19 के हालातों की समीक्षा की है और सेंट्रल टीम को दूसरी लहर से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ का दौरा करके जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय टीम में स्वास्थ्य विशेषज्ञ और डॉक्टर भी शामिल ।
पीएम मोदी की ओर से बुलाई गई इस हाई-प्रोफाइल बैठक में कोविड से बचाव के हर तरीके अपनाने पर पूरा जोर डालने के लिए 6 से 14 अप्रैल के बीच में एक विशेष जागरूकता अभियान चलाने की बात भी कही गई है, जिसमें 100 फीसदी लोगों के मास्क पहनने पर जोर, व्यक्तिगत स्वच्छता और सार्वजनिक स्थलों और काम के जगहों पर साफ-सफाई और स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस करने का फैसला किया गया है।
पीएम मोदी के साथ जो हाई-प्रोफाइल बैठक हुई है, उसमें दूसरी लहर में इसकी बेकाबू रफ्तार के मुख्य रूप से 3 कारण बताए गए हैं- कोविड-19 से बचाव के लिए किए जाने वाले उचित बर्ताव में आई कमी, महामारी से थक जाना और रोकथाम के उपायों में आई कमी। इस बैठक में प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, कैबिनेट सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी, एंपॉवर्ड ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरपर्सन, हेल्थ सेक्रेटरी और आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल के अलावा और लोग भी शामिल हुए।
कोविड-19 से निपटने के लिए पीएम मोदी की 10 गाइडलाइन
- महामारी के खिलाफ लोगों और समुदायों की भागीदारी सबसे जरूरी
- 5 प्वाइंट फॉर्मूला- टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, कोविड से बचाव के अनुकूल बर्ताव और वैक्सीनेशन
- कोविड के मुताबिक व्यवहार के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 6 से 14 अप्रैल के बीच विशेषण अभियान
- स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने की आवश्यकता
- जो लोग होम आइसोलेशन में हैं, उनके लिए ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की उपलब्धता सुनिश्चित करना
- किसी भी परिस्थिति में इससे होने वाली मौतों को रोकना
- केंद्रीय टीम महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ जाकर वहां की हालात की समीक्षा करे
- जहां भी ज्यादा मामले आ रहे हैं, उन सभी राज्यों को पाबंदियां लगाने के लिए तैयार रहना होगा
- ऐक्टिव केस की ट्रेसिंग और कंटेंमेंट जोन के मैनेजमेंट के लिए स्थानीय वॉलेंटियर को शामिल किया जाना
- राज्य और जिलों को मिशन मोड में काम करते रहना होगा|