नई दिल्ली। कृषि कानूनों के मसले पर सरकार और किसानों के बीच आठवें दौर की बातचीत बेनतीजा खत्म हो गई। किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। लेकिन सरकार संशोधन तक ही जा रही है। अब दोनों पक्षों के बीच 8 जनवरी को दोपहर दो बजे से एक बार फिर से बात होगी। एमएसपी पर गारंटी, कानून वापसी पर अड़े हैं किसान। 39 दिनों से चल रहा है किसानों का यह आंदोलन।
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि आज कोई निर्णय नही हो सका। बैठक मे एमएसपी पर भी थोड़ी चर्चा हुई। समस्य के कानूनी पहलुओं को भी सरकार को ध्यान में रखना पड़ता है। हम सभी किसानों के लिए प्रतिबद्ध हैं। ताली दोनो हाथ से बजती है। उम्मीद है कि अगली बैठक मे समाधान निकलेगा। हम पूरे देश को ध्यान में रख कर फैसला करेगे। हमने किसान हित को ही ध्यान में रख कर कानून बनाए हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वार्ता पटरी से उतर चुकी है, कृषि मंत्री ने कहा कि यदि ऐसा होता तो आठ जनवरी को वार्ता क्यों तय होती।
कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं- राकेश टिकैत
सरकार के मंत्रियों के साथ वार्ता के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 8 जनवरी 2021 को सरकार के साथ फिर से मुलाकात होगी। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने पर और MSP के मुद्दे पर 8 तारीख को फिर से बात होगी। उन्होंने कहा कि हमने सरकार को बता दिया है कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं।
आज किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय उद्योग व वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश से कहा कि हम आपके साथ खाना नही खाएंगे। आप अपना खाना खाइए और हम अपना खाना खाएंगे।
बैठक के पहले ही दौरे में किसान संगठनों ने कहा कि आप हमें ये बताएं कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेंगे या नहीं। इस पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम तीन कानूनो में संशोधन के लिए तैयार हैं। इसी बहस के बीच लंच ब्रेक लिया गया।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी किसान लंगर से मंगाया गया भोजन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि कानून के फायदे गिना रही है, जबकि किसान कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तीनों कानूनों को लेकर गतिरोध बरकरार है।
इसके पूर्व आज ये बैठक ढाई बजे शुरू हो पाई। बैठक की शुरुआत में मंत्रियों और किसानों ने उन किसानों के लिए दो मिनट का मौन रखा, जिनकी जान किसान आंदोलन के दौरान गई।