भारत ने भारतीय चालक दल वाले मालवाहक जहाजों के साथ चीन के रवैए पर आश्चर्य जाहिर किया है। भारत का कहना है कि कोविड-19 प्रोटोकॉल बताकर चीन अपने तटों पर इन जहाजों को दायित्व मुक्त नहीं कर रहा जबकि इन जहाजों के बाद आए मालवाहक जहाजों को मुक्त कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि कोयला ले जा रहे मालक वाहक जहाज एमवी जगआनंद और एमवी अनास्तासिया क्रमश 13 जून और 20 सितंबर से चीनी तटों पर अटके हुए हैं। जगआनंद में 23 भारतीय और अनास्तासिया में 16 भारतीय चालकदल सदस्य के रूप में जहाज में ही अटके हुए हैं। इनके परिवार वालों ने सरकार से इस संबंध में गुहार लगाई है।
मसले के समाधान का प्रयास
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को सप्ताहिक प्रेस वार्ता में बताया कि चीनी अधिकारियों का कहना है कि कोविड-19 संबंधित प्रतिबंधों के चलते चालक दल को बदलने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कंपनी के मालिक तथा कार्गो के रिसीवर को देरी के कारण से अवगत करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमें पता चला है कि कुछ अन्य मालवाहक जहाजों को इन्हीं परिस्थितियों में जाने की अनुमति दे दी गई है।
प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से पिछले दिन आए जरूरी सुविधा और सहायता देने संबंधी प्रावधान वाले वक्तव्य को भी संज्ञान में लिया गया है। उन्होंने कहा है कि चीन के तटों पर अटके भारतीय चालक दल वाले मालवाहक जहाजों को लेकर भारतीय दूतावास वहां के प्रशासन से संपर्क बनाए हुए है और मसले के जल्द समाधान के लिए प्रयास कर रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि फिलहाल भारत सरकार इन मुद्दों के समाधान और चालक दल सदस्यों की मानवीय जरूरतों आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चीनी सरकार के साथ संपर्क बनाए हुए हैं।