संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन ने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। नई शिक्षा नीति के लक्ष्यों के अनुरूप कई समितियों का गठन किया गया है। छात्रों के कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए पाठ्यक्रमों में परिवर्तन किया जाएगा। पाठ्यक्रम निर्धारण के लिए भी शिक्षकों की एक समिति गठित की गई है।
समिति पाठ्यक्रम में तकनीकी ज्ञान, सामुदायिक जुड़ाव और सेवा, पर्यावरण जैसे मुद्दों को शामिल करेगी। दर्शनशास्त्र के विभागाध्यक्ष समिति के पदेन सदस्य होंगे। इसके अलावा राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. विधु द्विवेदी, सिस्टम मैनेजर विजय कुमार मणि त्रिपाठी, संग्रहालयाध्यक्ष और पीआरओ को शामिल किया गया है।
ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बनी समिति
डिजिटल लाइब्रेरी, ऑनलाइन शिक्षा के पायलट अध्ययन, कंटेट के निर्माण आदि के लिए भी समिति बनाई गई है। इसके अध्यक्ष पुस्तकालयाध्यक्ष होंगे। सिस्टम मैनेजर व डॉ. राजा पाठक सदस्य और डॉ. दिनेश कुमार तिवारी को संयोजक नियुक्त किया गया है।
फिर से तय की जाएगी रिसर्च पॉलिसी
विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के अनुरूप रिसर्च पॉलिसी तैयार की जाएगी। गुणवत्तायुक्त शोध के साथ समकालीन विषयों पर भी शोध किया जाएगा। समाज और उद्योग उपयोगी शोध पर जोर दिया जाएगा। नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए शोध किए जाएंगे। इसके लिए कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी में सभी संकायाध्यक्षों को शामिल किया गया है। इसके संयोजक अनुसंधान संस्थान के निदेशक होंगे।